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दुःख का अधिकार - Coggle Diagram
दुःख का अधिकार
अमीर और गरीब के बीच के भेदभाव
लेखक को संभ्रांत महिला की याद आना
संभ्रांत महिला के बेटे की मृत्यु पर वह अढाई मास तक बिस्तर सर नहीं उठी
उसके पास सब सूख - सुविधाएँ थीं , दुःख मनाने का अधिकार था
बुढ़िया का बेटा - भगवाना - उम्र - 23 वर्ष
घर में बूढी माँ , पत्नी , दो बच्चे
उपचार का कोई फायदा नहीं , भगवाना की मृत्यु
अंतिम संस्कार में माँ के गहने बिक गए
उपचार में घर का सारा अनाज , रुपए खर्च
खरबूजे तोड़ते समय साँप के दंश करना
कछियारी करके घर का गुज़ारा करता
गरीब बुढ़िया
बेटे के साथ बाज़ार में सौदा बेचने में मदद करती
बेटे को बचाने की पूरी कोशिश
अंधविश्वास के कारण डॉक्टर को न दिखाकर झाड़ फूंक करवाई
बेटे की मृत्यु के बाद घर में खाने लाले पड़ गए
बेटे की मृत्यु के दूसरे ही दिन बाज़ार में खरबूजे बेचने जाने पर मजबूर
लोगों के तानों का शिकार होना
गरीबी के कारण दुःख मनाने का भी अधिकार न मिलना
लेखक यशपाल - जीवन परिचय
पोशाक के वास्तविक अर्थ
अंधविश्वास, सामाजिक कुरीतियाँ
दया और सहानुभूति का भाव
निम्न वर्ग की दशा और पीड़ा
बाज़ार में मौजूद लोगों द्वारा बुढ़िया माँ का अपमान