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अनोखा ढंग anokha dhang - Coggle Diagram
अनोखा ढंग
पाठ में कितने पात्र आए ? :star:
पाठ में दो पात्र आए थे - महात्मा गांधी
मनु बहन
गाँधी जी सात बजते बजते एक गाँव से दूसरे चले जाते थे | वह शांति का प्रसार करते थे |
स्नान करते समय वह अपने पैर साफ़ करने के लिए खुरदरे पत्थर का प्रयोग करते थे |
गाँधी जी को वह पत्थर मीरा बहन ने बरसो पहले दिया था जिसे वह है हमेशा अपने साथ रखते थे |
मनु बहन उनके स्नान की तैयारी करती थी |
वह पत्थर जुलाहे के घर पर छूट गया था जहाँ वह पिछले दिन ठहरे थे |
पात्रों की विशेषताएँ :star:
गाँधी जी समाज सेवक थे
मनु एक स्वयं सेविका थी जो गाँधी जी के साथ रहती थी |
गाँधी जी ने मनु को पत्थर लाने के लिए जुलाहे के घर भेजा |
मनु को अकेले जाने को कहा ताकि वह अपनी भूल सुधार सके और आगे के लिए चौकन्नी रहे | :check:
मनु ने चाहा कि वह किसी को साथ ले जाएँ पर गाँधी जी के कहने पर अकेले ही पत्थर लाने चली गई
मनु पैरों के निशानों को देखते खोजते जुलाहे के घर पहुँच गई |
उसे पत्थर मिल गया और पंद्रह मील का सफ़र तय कर वह नौआखली वापिस लौट आई |
बापू के गोद में पत्थर रखकर खूब रोई और उनकी परीक्षा पर खरी भी उतरी |
पाठ से क्या शिक्षा मिलती है ? :star:
हमेशा सतर्क रहना चाहिए
स्त्रियाँ भी पुरषों के समान साहसी व् बहादुर होती है |
बापू का सबक सिखाने का तरीका अनोखा है |
पाठ 3
https://youtu.be/86I8ScZzfTA